राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के हालात के लिए “बाहरी ताकतों” को कसूरवार ठहराया ,भागवत ने सवाल किया, “मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं। यह एक सीमावर्ती राज्य है। इस तरह के अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होता है? बाहरी ताकतों को भी फायदा मिलता है। वहां जो कुछ भी हुआ, क्या उसमें बाहर के लोग शामिल थे?” इस पर सीएम ने कहा
दो प्रमुख लोगों की बातें मैं बता देता हूं एक विश्व गुरु है जो कहते हैं भारत की सीमाएं सुरक्षित है दूसरे तरफ मोहन भागवत जी है जो संघ प्रमुख है वह कहते हैं कि बाहरी ताकत लगी हुई है दोनों तय कर ले की कौन सच बोल रहा है दोनों की बातें बिल्कुल विरोध वाली है मोदी जी सुरक्षित कह रहे हैं और भागवत जी बाहरी ताकत कह रहे हैं कौन सही बोल रहा है यह तय कर ले और देश को बताएं कि देश के सीमाएं सुरक्षित है तो फिर बाहरी ताकत कैसे आ गई और मोहन भागवत जी कह रहे हैं तो गलत नहीं करें अगर बाहरी ताकत आई है तो विश्व गुरु जो कह रहे हैं वह गलत है