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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया ह….

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले की सुनवाई पहले 27 सितंबर को होनी थी, लेकिन अब 6 अक्टूबर को होगी। बिलासपुर हाईकोर्ट ने भी जहां इस मामले में अफसरों और नेताओं के रिश्तेदारों की भर्तियों को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं दूसरी ओर इसे लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में पीएससी में सिलेक्ट अफसरों के रिश्तेदारों की लिस्ट दी है। इसके बाद कांग्रेस ने भी पुराने अफसरों और नेताओं की वो लिस्ट सामने रखी है, जिनके रिश्तेदार सिलेक्ट हुए थे। ऐसे में पहली बार सीजीपीएससी की भर्ती परीक्षा और चयन चुनावों में मुद्दा बनता जा रहा है।

CGPSC की 2021-22 की सिलेक्शन लिस्ट विवादों में

CGPSC की 2021-22 की सिलेक्शन लिस्ट विवादों में घिरी है। आरोप है कि भर्ती में फर्जीवाड़ा और भाई-भतीजावाद किया गया है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर होने के बाद 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी है। हालांकि कुछ तथ्यों को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पर नाराजगी भी जताई। कोर्ट ने राज्य सरकार और PSC को निर्देशित किया है कि जो सूची याचिकाकर्ता ने पेश की है, उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर लें।

पहली बार PSC इलेक्शन में रहेगा बड़ा मुद्दा

बेरोजगारी भत्ते को लेकर जहां कांग्रेस युवा वोट बैंक को साधने में जुटी है, वहीं भाजपा PSC की भर्तियों में गड़बड़ी के मुद्दे पर उनके मंसूबों पर पानी फेरने में जुट गई है। PSC का मुद्दा पहली बार सियासी रण में अहम होता दिख रहा है। कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी PSC का मामला भी उठा रही है।

बीजेपी इस मुद्दे को कितना तरजीह दे रही है, इसे उसके आरोप पत्र से भी समझा जा सकता है। जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप पत्र जारी किया तो उसमें भी प्रमुखता से PSC मामले का उल्लेख किया गया था। इससे पहले भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी राजधानी में हुई हुंकार रैली में PSC का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था।

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने जारी की लिस्ट

इस मामले में भाजपा जब सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने लगी तो कांग्रेस ने भी एक लिस्ट जारी कर दी। इसमें बताया गया है कि भाजपा शासनकाल में भी भाई-भतीजावाद चलता रहा। उसने लिस्ट में उन लोगों के नाम लिखे, जिनका सिलेक्शन हुआ और वे किसी अधिकारी के रिश्तेदार थे। ये लिस्ट कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने जारी की थी।

कांग्रेस का दावा- 2008 में सबसे ज्यादा भाई-बहनों का चयन

कांग्रेस का दावा है कि अधिकारियों के बच्चों के अलावा कई सगे भाई-बहनों का चयन भी एक साथ PSC में हुआ है। सबसे ज्यादा ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या PSC 2008 में रही है, जिसमें चयनित अभ्यर्थी सगे भाई या बहन हैं।

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