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छत्तीसगढ़ में नक्सली फिर अपना सिर उठाने लगे हैं, फिर से नक्सल प्रभावित इलाकों में एक्टिव हो गए हैं : नए कैंप खुलने से नक्सली बौखलाए हुए हैं।

छत्तीसगढ़ में नक्सली फिर अपना सिर उठाने लगे हैं, फिर से नक्सल प्रभावित इलाकों में एक्टिव हो गए हैं। बस्तर के अलग-अलग जिलों में वारदात को अंजाम दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव परिणाम से पहले और बाद में नक्सलियों ने 5 IED ब्लास्ट किया, जिसमें 2 जवान शहीद और 8 जवान जख्मी हुए हैं। साथ ही एक भाजपा नेता समेत 3 सिविलियंस की मौत हुई है।

विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार बदल दो हम चुटकियों में नक्सलवाद को खत्म कर देंगे। हालांकि, इस मामले में सियासत भी हुई थी। अब नई सरकार बनने के बाद नक्सली लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। बस्तर IG सुंदरराज पी की मानें तो नए कैंप खुलने से नक्सली बौखलाए हुए हैं।

कब कहां IED ब्लास्ट

  • चुनाव परिणाम से ठीक एक दिन पहले 2 दिसंबर से को दंतेवाड़ा जिले के बारसुर इलाके में IED ब्लास्ट की चपेट में आने से CRPF के 2 जवान जख्मी हुए हुए थे। जवानों को मामूली चोट आई थी। दोनों की स्थिति ठीक है।
  • 11 दिसंबर को सुकमा जिले के सतालोंग में नक्सलियों के लगाए IED की चपेट में आने से 4 जवान जख्मी हो गए थे। इनमें से 2 को ज्यादा चोट आई थी, जिन्हें रायपुर रेफर किया गया था। अन्य दो घायलों का सुकमा में ही इलाज चल रहा है, जिनकी स्थिति ठीक है।
  • 12 दिसंबर को भी सुकमा के सतालोंग में नक्सलियों की प्लांट IED की चपेट में आने से एक जवान जख्मी हुआ था, जिसकी स्थिति खतरे से बाहर है।
  • 13 दिसंबर को नारायणपुर जिले के आमदई खदान के पास नक्सलियों की लगाई IED ब्लास्ट हुई थी। इस ब्लास्ट की चपेट में आने से एक जवान शहीद और एक जवान घायल हो गया था।
  • 14 दिसंबर को कांकेर जिले के परतापुर में IED ब्लास्ट की चपेट में आने से BSF का एक जवान शहीद हो गया। नारायणपुर में दो जवान ब्लास्ट की चपेट में आए थे, इसमें एक जवान ने दम तोड़ दिया जबकि एक घायल था।

भाजपा नेता को मारा, 2 मजदूर की भी हुई डेथ
नारायणपुर के आमदई खदान के पास नक्सलियों ने फोर्स को नुकसान पहुंचाने IED प्लांट कर रखी थी। 24 नवंबर को इस IED की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि एक मजदूर घायल हो गया था। इसके अलावा 9 दिसंबर को छोटे डोंगर इलाके में नक्सलियों ने भाजपा नेता कोमल मांझी की हत्या कर दी थी। इसपर माइंस की दलाली करने का आरोप लगाया था।

PLGA सप्ताह में दिखाई अपनी ताकत
नक्सलियों ने 2 से 8 दिसंबर तक अपना PLGA सप्ताह मनाया था। बस्तर के जंगल में नक्सलियों ने एक बड़ा आयोजन किया था, जिसमें करोड़ों रुपए के इनामी हथियारबंद नक्सली भी मौजूद थे। नक्सलियों ने PLGA सप्ताह के आयोजन की वीडियो भी जारी की थी और अपनी ताकत दिखाई थी।

वहीं 3 दिसंबर से पहले तो नक्सली स्क्रिय थे ही, लेकिन परिणाम आने और सरकार बदलने के बाद ज्यादा एक्टिव हो गए हैं। आम जनता से लेकर फोर्स और नेताओं को निशाना बना रहे हैं।

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