Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

शारदीय नवरात्र का आखिरी दिन देवी सिद्धिदात्री को हैं समर्पित, महानवमी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

शारदीय नवरात्र का आखिरी दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन उपासना करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ये भी मान्यता है कि माता सिद्धिदात्री की पूजा करने से संपूर्ण देवियों की पूजा का फल मिलता है। इन दिनों हर जगह शारदीय नवरात्र का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग इस त्योहार में 9 दिनों तक देवी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। शारदीय नवरात्र का अंतिम दिन 22 अक्टूबर को है, इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप की पूजा की जाती है।जगह जगह हर मंदिर में भंडारा किया जा रहा है , महानवमी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मां सिद्धिदात्री की सवारी शेर है। माता कमल पर विराजमान होती है। इन्हें माता सरस्वती का भी स्वरूप माना गाया है। मां को बैंगनी रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में जब आप मां की पूजा करें, तो बैंगनी रंग के चीजों का प्रयोग करें। जिससे माता प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि माता सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाने से सारी मुराद पूरी होती है।

Leave a Comment

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This