भारत रत्न देने की शुरुआत 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी. 1954 में पहली बार तीन लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. पिछले 70 सालों में 49 लोगों को ही यह सम्मान मिला है. देश के केवल 12 राज्य ऐसे हैं जिनके हिस्से में भारत रत्न पाने का सौभाग्य आया है. जबकि वर्तमान में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश हैं. यानी ज्यादातर राज्य अभी भी इस सम्मान से महरूम हैं. लेकिन विडबंना है कि क्षेत्रफल के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान भी इससे वंचित रहा है. उसके अलावा अगर अन्य राज्यों की बात की जाए तो हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, केरल, झारखंड और छत्तीसगढ़ को भी देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान अभी तक नहीं मिला है. नार्थ-ईस्ट में केवल असम ही ऐसा राज्य है जिसके खाते में एक भारत रत्न है
खान अब्दुल गफ्फार खान एकमात्र पाकिस्तानी और पहले गैर भारतीय थे जिन्हें भारत रत्न सम्मान मिला था. गांधी जी के पदचिन्हों पर चलने के कारण उन्हें फ्रंटियर गांधी और बादशाह खान के नाम से जाना जाता था. उन्होंने 1929 में खुदाई खिदमतगार आंदोलन की शुरुआत की थी. इऩके अलावा दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला भी भारत रत्न से सम्मानित हुए हैं. नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए गए नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का गांधी कहा जाता है. उन्होंने रंगभेद के लिए लड़ाई लड़ी थी.
किस राज्य से आने वाले कितने लोगों को इस सम्मान से नवाजा गया है, उनकी संख्या इस प्रकार है…
उत्तर प्रदेश- 09
तमिलनाडु- 08
महाराष्ट्र- 08
पश्चिम बंगाल- 06
बिहार- 04
कर्नाटक- 03
गुजरात – 02
तेलंगाना- 01
ओडिशा- 01
पंजाब – 01
मध्य प्रदेश- 01
असम -01
पाकिस्तान -01
साउथ अफ्रीका- 01
26 जनवरी को दिया जाता है सम्मान
1954 में ये सम्मान केवल जीवित लोगों को दिया जाता था. लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान जोड़ा गया. भारत रत्न प्राप्त करने की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी जाती है. यह सम्मान 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है. 1954 से अब तक 48 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है. एक साल में अधिकतम तीन लोगों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है .इस वर्ष, सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (दिवंगत) कर्पूरी ठाकुर को भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न दिया। कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर कांग्रेस मुख्यमंत्री रहे हैं. ठाकुर दिसंबर 1970 से जून 1971 तक मुख्यमंत्री रहे थे. इसके बाद वह जून 1977 से अप्रैल 1979 तक दोबारा सीएम बने.
ये हो चुके हैं भारत रत्न से सम्मानित
49 .कर्पूरी ठाकुर 2024
प्रणब मुखर्जी -2019भूपेन हजारिका -2019
नानाजी देशमुख – 2019
मदन मोहन मालवीय -2015
अटल बिहारी वाजपेयी- 2015
सचिन तेंदुलकर – 2014
सीएनआर राव – 2014
पंडित भीमसेन जोशी – 2008
लता दीनानाथ मंगेशकर – 2001
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान – 2001
प्रो. अमर्त्य सेन – 1999
गोपीनाथ बोरदोलोई – 1999
जयप्रकाश नारायण – 1999
पंडित रविशंकर – 1999
चिदंबरम सुब्रमण्यम – 1998
मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी – 1998
डॉ. अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम – 1997
अरुणा आसफ अली – 1997
गुलजारी लाल नंदा – 1997
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा – 1992
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद -1992
सत्यजीत रे – 1992
मोरारजी रणछोड़जी देसाई – 1991
राजीव गांधी – 1991
सरदार वल्लभभाई पटेल -1991
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर – 1990
डॉ. नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला – 1990
मरुदुर गोपालन रामचंद्रन – 1988
खान अब्दुल गफ्फार खान – 1987
आचार्य विनोबा भावे – 1983
मदर टेरेसा – 1980
कुमारस्वामी कामराज – 1976
वराहगिरी वेंकट गिरी – 1975
इंदिरा गांधी – 1971
लाल बहादुर शास्त्री – 1966
डॉ. पांडुरंग वामन केन – 1963
डॉ. जाकिर हुसैन – 1963
डॉ. राजेंद्र प्रसाद – 1962
डॉ. बिधान चंद्र रॉय – 1961
पुरुषोत्तम दास टंडन – 1961
डॉ. धोंडे केशव कर्वे – 1958
पं. गोविंद बल्लभ पंत -1957
डॉ. भगवान दास – 1955
जवाहरलाल नेहरू – 1955
डॉ. मोक्षगुंडम विवेस्वराय -1955
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी – 1954
डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन -1954
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन – 1954
भारत रत्न पाने वालों को भारत सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है. इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती.इसे पाने वालों को सरकारी महकमे सुविधाएं मुहैया कराते हैं. उदाहरण के लिए भारत रत्न पाने वालों को रेलवे की ओर से मुफ़्त यात्रा की सुविधा मिलती है.भारत रत्न पाने वालों को अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता मिलता है.सरकार वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस में उन्हें जगह देती है. जिन्हें भारत रत्न मिलता है उन्हें प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है.वॉरंट .राज्य सरकारें भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं.
इस सम्मान को अपने नाम से पहले या बाद में जोड़ा नहीं जा सकता. हालांकि, इसे पाने वाले अपने बायोडेटा, लेटरहेड या विज़िटिंग कार्ड जैसी जगहों पर ये लिख सकते हैं- ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’.
लेखिका : तजीन नाज़