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दिल्ली में अगले कुछ दिन तेज गर्मी पड़ने का अनुमान

delhi heatwave- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO
दिल्ली में कड़ी धूप और तेज गर्मी

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में गर्मी अपने तेवर दिखाने से नहीं रुक रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक आसमान साफ रहने और शुष्क मौसम के साथ तेज गर्मी पड़ सकती है। आईएमडी ने हालांकि, कम से कम एक हफ्ते तक लू न चलने की भविष्यवाणी की है, लेकिन शहर में कुछ स्थानों पर लू जैसी स्थिति सामने आ सकती है। दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में शुक्रवार को सुबह न्यूनतम तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के लिहाज से सामान्य है। आईएमडी ने राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है।

जून में क्या रहेगा तापमान?


आईएमडी ने कहा कि शहर में दिन में तेज सतही हवाएं चलने और रात को बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसूनी बारिश होने की भविष्यवाणी की थी, जिसका मतलब है कि क्षेत्र में अधिक गर्म और शुष्क दिन दर्ज किए जा सकते हैं। विभाग ने कहा था, “जून में देश के सबसे उत्तरी और सबसे दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को छोड़कर, ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं।”

आईएमडी का विस्तारित रेंज मॉडल जून के चौथे सप्ताह और जुलाई के पहले सप्ताह में उत्तर-पश्चिम भारत में बेहतर बारिश का अनुमान बताता है। मॉनसून ने गुरुवार को भारतीय भूमि पर दस्तक दी थी। आईएमडी ने कहा था कि अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान के कारण केरल में मानसून एक जून की सामान्य तिथि से हफ्ते भर की देरी से पहुंचा है। विभाग ने पहले केरल में मॉनसून की दस्तक में चार दिन की देरी का अनुमान जताया था।

मॉनसून के आगमन में देरी से प्रभावित होगी बारिश?

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था। रिसर्च से पता चलता है कि केरल में मॉनसून के आगमन में देरी का मतलब यह नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में मॉनसून की शुरुआत में देरी होगी। हालांकि, केरल में मॉनसून के आगमन में देरी आम तौर पर दक्षिणी राज्यों और मुंबई में मॉनसून की शुरुआत में देरी से जुड़ी होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मॉनसून के आगमन में देरी भी इस मौसम के दौरान देश में कुल वर्षा को प्रभावित नहीं करती।

(इनपुट- भाषा)

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