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प्रचार के लिए राशनकार्ड में बदलाव कर रही बीजेपी:कांग्रेस बोली- सिर्फ फोटो बदलने के लिए जनता को लाइन में खड़े करवाने की कोशिश

छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनाने के बाद यह चर्चा है कि जल्द ही राशनकार्ड में फोटो बदले जाएंगे। इन चर्चाओं को लेकर कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशिल आनंद शुक्ला ने कहा बीजेपी केवल अपने प्रचार के लिए के आर फिर जनता को लाइन में खड़े करने की तैयारी कर रही है।

शुक्ला ने कहा- इस बदलाव से सीधी परेशानी जनता को होगी। फिर से लोगों को लाइन में लगना पड़ेगा। लोगों को फिर से लाइन में लगना पड़ेगा। फ़िलहाल ऐसे किसी बदलाव की जरूरत नहीं है।

राशनकार्ड
                                                                 राशनकार्ड

2 साल पहले ही बने नए राशनकार्ड

शुक्ला ने कहा कि हजारों-लाखों रुपए इसमें राज्य कोष का खर्च किया जाएगा। राशन कार्ड जब पुराने हो जाए या फट जाए तब बदले भी जाए तो ठीक है। अभी तो 2 साल पहले ही राशन कार्ड बने हैं। सभी के पास नए राशन कार्ड है। सिर्फ और सिर्फ अपनी फोटो लगाने के लिए इसे निरस्त कर रहे हैं।

किसानों को मिला बोनस

किसानो के साथ सरकार ने किया धोखा

बोनस को लेकर सुशिल आनंद शुक्ला ने कहा बीजेपी ने किसानों को धोखा देने का काम फिर से शुरू कर दिया है। वादा किया था कि 2 साल का बोनस देंगे लेकिन जो कल बोनस दिया गया वो केवल एक साल का ही था। इसके अलावा जो किसान मृतक हो गए थे उनके परिजनों को भी बोनस का नहीं मिला है।

जिनके यहां विभाजन हुआ है उन किसानों को भी बोनस का नहीं मिला। कुल मिलाकर जो किसानों को बोनस देने की बात बीजेपी करती आ रही थी उसका लाभ वो किसानों को नहीं दे पाई, बल्कि कुछ फर्जी लोगों को भी बोनस का लाभ देने की गई कोशिश।

विभागों को लेकर मची बंदर बांट

मंत्री मंडल में विभागों का बंटवारा न हो पाने को लेकर शुक्ला ने कहा मलाईदार विभागों के लिए बंदर बांट के कारण अभी तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। सभी पूरी ताकत लगाए हुए हैं कि उन्हें मलाईदार विभाग मिले। इसी चक्कर में उनके यहां मंत्रियों को विभाग का बंटवारा नहीं हो पा रहा है।

जनता के शोषण के लिए आई बीजेपी
दरअसल भाजपा सरकार में सिर्फ और सिर्फ जनता का शोषण करने आई है। जनता की सेवा करने आए होते तो इनको मंत्रियों को विभागों को बंटवारा करने में इतनी देर नहीं लगती। मंत्रियों की रुची के अनुसार उन्हें विभाग बांट दिए गये होते। यहां सत्ता की मलाई के बंदर बांट के कारण मंत्रियों के विभाग का बंटवारा नहीं हो रहा है।

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