रायपुर। भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) के प्रदेश महासचिव गंगेश द्विवेदी ने कहा है कि दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष नितिन चौबे जी के साथ उनके सपनों को हम मिलकर जी रहे थे। उनका सपना था कि जिस भी व्यक्ति की आजीविका का साधन समाचार से जुडा है, वह हमारा भाई है, उनके व उनके परिवार के सुखदुख में हमें नि:स्वार्थ भाव से शामिल होना है। इस कार्य में हम सब मिलकर लगातार प्रयासरत रहे। श्री द्विवेदी ने कहा कि इन सपनों को अब भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ आगे बढ़ाएगा। राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब में आज दोपहर करीब डेढ़ बजे दिवंगत पत्रकार नितिन चौबे के आकस्मिक निधन के अवसर पर शोकसभा का आयोजन किया गया। शोकसभा में उनके पिता आर पी चौबे, परिजन व राजधानी के सभी प्रमुख पत्रकार शामिल हुए।
श्री द्विवेदी ने कहा कि वे अपनी बात वरिष्ठ पत्रकार अनिल पुसदकर जी के उस व्यक्त से शुरू करना चाहते हैं, जिसमें उन्होंने नितिन चौबे के लिए कहा था कि नितिन ने पत्रकारिता ओढ़ ली थी। उनसे होने वाली अधिकांश चर्चाओं में नितिन की यह फिक्र झलकती थी। वे कई बार नितिन भाई को समझाते थे, कि इतना गंभीर होने की जरूरत नहीं है, लेकिन नितिन नहीं मानते थे। मैं आपको इसका कारण बताता हूं। नितिन भाई ने पत्रकारिता इसलिए ओढ ली थी क्योंकि पत्रकारों को वे अपनी जमात मानते थे। कई आयोजनों में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था। जाति, धर्म, भाषा, लिंग आदि के भेद से परे पत्रकारिता ही उनकी जमात थी, हम सौभाग्यनशाली हैं कि विगत दो वर्षो से हम उनके साथ इसी आदर्श को जी रहे थे। हम संगठन के सभी साथी कंधे से कंधा मिलाकर उनकी एक आवाज में उनके निर्देशों को मानने के लिए तैयार रहते थे।
श्री चौबे से अंतिम वार्तालाप का जिक्र करते हुए श्री द्विवेदी ने कहा कि 4 अक्टूकबर को 11:50 पर नितिन भाई से बात हुई थी। हम सब रांची में आयोजित होने वाले राष्ट्री य सम्मेलन की तैयारी कर रहे थे। इसी संदर्भ में राज्य सरकार के मंत्री टंकराम वर्मा जी से मुलाकात होने वाली थी। हमने उनसे आग्रह कि वे पूजा करके दफ़तर पहुचे हम लोग यहां से मुलाकात कर दफ़तर आते हें, वहीं मीटिंग में आगे की रूपरेखा तय करेंगे। इसके बाद नितिन भाई का फोन करीब 12:30 को बजा। हमने सोचा कि उनकी पूजा पूरी हो गई है, आगे का अपडेट लेने के लिए कॉल होगा, लेकिन मोबाइल पर भाभी जी का स्वर गूंजा, भैया नितिन की तबियत बहुत खराब है, आप सभी मेडीशाइन अस्पताल पहुंचे। हम सब छोड़कर अस्पताल की ओर भागे। अस्पताल जाते वक्त सबको उम्मीद थी कि वे जल्द ही स्वस्थ होकर घर लौटेंगे, लेकिन वहां पहुंचकर माजरा ही बदल गए, जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया। नितिन भाई नहीं रहे, यह यकीन करने में हमें काफी वक्त लग गया।
राष्ट्रीय सम्मेलन स्थगित, राष्ट्रीय कार्यकारिणी आएगी 17 को : सुखनंदन बंजारे
बीएसपीएस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखनंदन बंजारे ने भी श्री चौबे के साथ अपनी यादों को शेयर किया। साथ ही उन्होंने बताया कि भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय सम्मेलन फिलहाल स्थगित कर दिया है। अगली तिथि की घोषणा शीघ्र की जाएगी। श्री चौबे की तेरहवीं के दिन यानि 17 अक्टूकबर को भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भी आएगी। इस अवसर पर बीएसपीएस की ओर से प्रेस क्लब रायपुर के सभागार में संगठन की ओर से शोकसभा का आयोजन किया जाएगा।
नितिन के सपनों को पूरा करे उनका संघ – बृजेश चौबे
प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बृजेश चौबे ने कहा कि नितिन चौबे ने पिछले दो वर्षों में भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की नीव मजबूत की। अपने संगठन के माध्यम से पत्रकार साथियों के हृदय में जगह बनाई थी। पत्रकारिता से जुड़े अन्य साथियों के लिए भी वे हमेशा सहयोग के लिए तैयार रहते थे। संगठन की ओर से राशि देने की परंपरा शुरू की थी। मुश्किल घडी में छोटी सी मदद भी काफी होती है। यह परपरा संगठन के पदाधिकारी जारी रखेंगे यह अपेक्षा है।
मेरी जीत में नितिन भैया की अहम भूमिका : प्रफुल्ल ठाकुर
प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि मेरे प्रेस क्लब अध्यक्ष बनने में नितिन भैया की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वे लगातार उनसे मार्गदर्शन लेते रहते थे। उस दिन भी सुबह साढे 10 बजे उनकी अंतिम बार नितिन जी बात हुई थी। उस दिन प्रेस क्लब का एक आयोजन था। श्री चौबे ने व्यस्ततता के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाने की बात कही थी। लेकिन कुछ घंटे बाद ही उनके जाने की खबर आई तो सहसा किसी को भरोसा नहीं हुआ। उनके साथ मिलकर कई योजनाओं पर बात होती रही।
सभी के मार्गदर्शन से नितिन भैया के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे : दिलीप साहू
बीएसपीएस के जिला अध्यक्ष दिलीप साहू ने कहा, नितिन चौबे बड़े भाई की तरह थे। नियमित रूप से उनसे मुलाकात होती थी। नितिन भैया पत्रकारिता में जाति, धर्म के भेदभाव से ऊपर सभी पत्रकारों अपनी जमात मानते थे, यह बातें वे हर मंच पर दोहराते रहें है। अब उनके सपनों को हम सब मिलकर साकार करेंगे…।
रोक नहीं पाया अपने भाव और लिपट कर रोया : वैभव शिव पांडेय
प्रेस क्लब के महासचिव वैभव शिव पांडेय ने अंतिम दर्शन के वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उनका श्री चौबे जी से भावनात्मक रिश्ता था। हमेशा मुस्कुराकर मिलते थे, लेकिन पत्रकारिता को लेकर खासे गंभीर थे। अपने से छोटों से जितना वे स्नेह करते थे, वैसे विरले ही होते है। 4 अक्टूबर को जब उनके आकस्मिक निधन की जानकारी मिली तो वे उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे। उनकी अचेत अवस्था देखी तो वे अपने आपको नहीं रोक पाए और उनसे लिपटकर फूटफूट कर रोए।
शोकसभा में न्यूज 24 के संपादक मनोज बघेल, टीआरपी के संपादक उचित शर्मा, स्वराज एक्सप्रेस के संपादक अंशुमान शर्मा, मिसाल मैगजीन व डिजिटल मीडिया के प्रमुख अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार अनिल पवार ने भी श्री चौबे से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए।
इस अवसर पर प्रेस क्लब कोषाध्याक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी, अरविंद सोनवानी, बीएसपीएस के प्रदेश सचिव कमलेश राजपूत, जावेद अली जैदी, कोआर्डिनेटर पवन सिंह ठाकुर, विक्की पंजवानी, संयुक्त सचिव संतोष महानंद, कार्यकारिणी सदस्य ओम प्रकाश चंद्राकर, शिव शंकर पांडे, जिला महासचिव नदीम मेमन, उपाध्यनक्ष शुभम वर्मा, कोषाध्याक्ष अमित बाघ, कोआर्डिनेटर लविंदर सिंह सिंघोत्रा, तजीन नाज, सचिव अंबिका मिश्रा, खुशबू ठाकरे, अली अहमद, अजय सिंह रघुवंशी, प्रवक्ता सिद्धार्थ देव, प्रेम निर्मलकर, सुनील जायसवाल, अजय श्रीवास्तव, लल्लूराम डॉंट काम के संपादक आशीष तिवारी, गिरीश केशरवानी, मुकेश वर्मा, ठाकुर राम साहू, किशन लोखंडे सहित अन्य पत्रकार साथी मौजूद रहें।