जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राजनेताओं को जातिगत जनगणना कराना ही क्याें हैं? एक धर्म की राजनीति कर रहे हैं और एक को जाति की राजनीति करनी है। शंकराचार्य सोमवार को रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे शंकराचार्य ने कहा कि, प्रदेश की भाजपा सरकार गौ-माता को राज्य माता घोषित करे। उन्होंने कहा कि, सारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और अमृत जैसा दूध देने वाली हमारी गौ माता को काटा जा रहा है। यह बड़ी विडंबना है।
धर्म का प्रयोग राजनीति में कर रहे
राजनीतिक लोग धर्म का प्रयोग राजनीति के लिए कर रहे हैं इस समय। इसका मतलब है, जो भारत की जनता है, उसके मन में धर्म प्रमुखता से छाया हुआ है। धार्मिक मामले दिमाग में घुसते रहते हैं, इसीलिए राजनीतिक लोग इसका फायदा उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि, जहां वैमनस्य फैले, कटुता, विद्वेष फैले, अलगाव जारी हो, इसका मतलब है वहां धर्म नहीं है। धर्म में तो सीमेंट है, जो दो ईंटों को आपस में जोड़कर के एक बनाने का काम करता है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो देश में विद्वेष फेल रहा है। वह धर्म के नाम पर अधर्म है।
पुराने स्थानों में जाकर पूजा अर्चना शुरू करेंगें
ज्ञान व्यापी में पूजा शुरू होने पर शंकराचार्य ने कहा कि इसी तरह की जितनी भी व्यापियां हैं। जहां-जहां हमारे साथ अत्याचार हुआ है, वहां-वहां हम फिर से जाएंगे। अपनी पूजा अर्चना आरंभ करेंगे। यह हिंदुओं का अधिकार है। हम अपने पुराने स्थान को वापस लें इसमें खराबी क्या है।
छत्तीसगढ़ गाय को राज्य माता का दर्जा दे
शंरकाचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, गाय को राज्य माता का दर्जा देने के लिए छत्तीसगढ़ पहल करे। उन्होंने कहा कि, एक तरफ हिंदू राष्ट्र की बात होती है, लेकिन जब तक देश में गौ हत्या हो रही है, तब तक यह हिंदू देश नहीं कहला सकता है।
लोकसभा चुनाव में गोहत्या सबसे बड़ा मुद्दा
शंकराचार्य ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में गौ हत्या हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा होगा। जो गौ हत्यारे दलों के साथ होगा, उसे हम हिंदू नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि, गायों की हत्या करने वाले पार्टियों को जो वोट देंगे वह गोहत्या के पाप के भागी भी होंगे।
शपथ पत्र जारी करें राजनीतिक दल
उन्होंने कहा कि, 6 फरवरी को प्रयाग में हमने गो संसद की है। उसमें प्रस्ताव पारित हुआ है कि जो भी व्यक्ति गाय के हत्या से किसी भी रूप से जुड़ा हुआ होगा उसे हम हिंदू कहना बंद करेंगे। उसके साथ संबंध भी समाप्त करेंगे।
सभी राजनीतिक दल इस संबंध में शपथ पत्र जारी करें और गोहत्या के कलंक को सभी के माथे से हटाए। अगर गोहत्या बंद करने को लेकर कोई दल यह पहल करता है तो हम उनका स्वागत करेंगे, नहीं तो हम समझेंगे कि आप हमारे विरोधी हैं।
नक्सलियों से परायापन हटाना पड़ेगा
छत्तीसगढ़ में बढ़ रही नक्सली घटनाओं को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि इसे दूर करने के लिए सबसे पहले नक्सलियों से परायापन हटाना पड़ेगा। उनसे बातचीत करनी पड़ेगी और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ना पड़ेगा। शंकराचार्य ने कहा कि एक पुलिस वाले से उनकी मुलाकात हुई थी।
उन्होंने कहा कि, पुलिसवाला अपने थाने को नक्सली थाना घोषित करवाने में लगा हुआ है। ऐसा करने से उनके थाने का भत्ता बढ़ जाएंगा। कहीं-कहीं लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नक्सलवाद को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन चीजों को रोकना पड़ेगा।
सरकार शराब पिला रही है
शंकराचार्य ने कहा सरकार ही लोगों को शराब पिला रही है। जब लॉकडाउन खुला था, तब सरकार ने सबसे पहले शराब दुकान खोली थी। सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है। सरकार अपने राजस्व के लिए नशे जैसी चीजों को, जिससे अपराध बढ़ता है उसको बढ़ा रही है।
बेमेतरा और कवर्धा प्रवास
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बेमेतरा जिले के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कहा कि, छत्तीसगढ़ हमारा घर ही है। यहां हम आते ही रहते हैं। बेमेतरा जिले में सपाद लश्रेश्वर धाम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस मंदिर में सवा लाख शिवलिंग की स्थापना हो रही है।