Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

हल्द्वानी हिंसा…बस्ती छोड़ भाग रहे मुस्लिम, घरों पर ताले:दंगे के दो मास्टरमाइंड, मर्डर के आरोपी संजय पर केस तक नहीं, अब्दुल फरार

उत्तराखंड के हल्द्वानी की गफूर बस्ती वीरान है। घरों पर ताले लटके हैं। सड़कें खाली हैं, पर कहीं-कहीं तंग गलियों में कुछ लोग दिख जाते हैं। जगह-जगह पुलिस तैनात है। टूटी गाड़ियां, जली बाइक और घरों पर आग के निशान अब भी दिख रहे हैं।

8 फरवरी को इसी गफूर बस्ती में सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद और मदरसा तोड़ने पर हिंसा भड़क गई थी। इसमें 6 लोग मारे गए, करीब 500 घायल हैं। हिंसा को 4 दिन बीत गए, पर पूरा इलाका अब भी सील है। किसी को भी हिंसा वाले इलाके में आने-जाने की इजाजत नहीं है।

गफूर बस्ती में हिंसा के बाद मुस्लिमों की आबादी वाले एरिया में लोग घर छोड़कर जा रहे हैं। ज्यादातर घरों पर ताले लटके हैं।

8 फरवरी को तीन जगह हिंसा हुई थी। गफूर बस्ती में मलिक का बगीचा, गांधीनगर और बनभूलपुरा थाना। गांधीनगर में हिंसा वाली जगह एक तरफ मुस्लिम रहते हैं और दूसरी तरफ हिंदू। हम जब यहां पहुंचे तो देखा कि मुस्लिम बस्ती के लोग घर छोड़कर जा रहे हैं।

पुलिस इस एरिया में सर्च एंड अरेस्ट ऑपरेशन चला रही है। यहां रहने वाली शमा परवीन बताती हैं, ‘शनिवार दोपहर 4 बजे पुलिस आई थी। करीब 500 लोगों को उठाकर ले गई। घरवालों ने रोकने की कोशिश की तो उन्हें भी मारा। इससे कई लोगों को चोटें आई हैं।’

यहीं परवीना भी रहती हैं। उनके पति 45 साल के नईम मजदूरी करते हैं। परवीना बताती हैं, ‘पुलिस ने पहले मेरे पति का ऑटो तोड़ दिया। वे लोग दरवाजा खटखटा रहे थे। मैंने गेट खोला तो कुछ पुलिसवाले घर में घुस आए। उन लोगों ने सामान उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। तोड़-फोड़ करने लगे। नईम को बहुत मारा। उसे घर से बाहर ले गए।’

पुलिस आयशा के 22 साल के बेटे अरबाज को भी ले गई। आयशा बताती हैं, ‘घर में खाने को कुछ नहीं है। चार दिन से बस्ती में सभी की यही हालत है। पड़ोसियों से चाय मांगकर पीनी पड़ रही है। शनिवार को दोपहर में अरबाज मार्केट गया था। तभी पुलिस उसे उठाकर ले गई।’

हिंसा में दो नाम सामने आए, संजय सोनकर और अब्दुल मलिक
हल्द्वानी में हुई हिंसा में दो नाम सामने आ रहे हैं, संजय सोनकर और अब्दुल मलिक। रेलवे कॉन्ट्रैक्टर अब्दुल मलिक तोड़ी गई मस्जिद और मदरसे की जमीन का मालिक है। वहीं संजय सोनकर को लोकल माफिया और हिस्ट्रीशीटर बताया जाता है। दैनिक भास्कर ने दोनों के बारे में बस्ती के लोगों से बात की।

संजय सोनकर: मर्डर का आरोपी, बजरंग दल, सपा और कांग्रेस में रहा
हल्द्वानी हिंसा में जिन 6 लोगों की गोली लगने से मौत हुई है, उनमें 30 साल के फईम भी हैं। फईम गांधीनगर की वाल्मीकि बस्ती में रहते थे। फईम का घर संजय सोनकर के घर के बगल में है। फईम के भाई जावेद का आरोप है कि संजय सोनकर ने ही फईम को गोली मारी थी। फईम के छोटे भाई अनस ने संजय को गोली चलाते देखा था। हालांकि, संजय के खिलाफ अब तक कोई केस दर्ज नहीं है।

संजय सोनकर को तलाश करते हुए हम मंगल पड़ाव इलाके पहुंचे। गांधीनगर से यहां तक आने में सिर्फ 5 मिनट लगते हैं। संजय के घर के बाहर भी हिंसा हुई थी। घर के बाहर जली गाड़ियां खड़ी हैं। पुलिस तैनात है। यहां हमें संजय के भाई संजीव मिले। उन्होंने बताया कि संजय घर पर नहीं हैं।

संजीव कैमरे पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हुए। कैमरा बंद करने पर संजीव ने संजय के बारे में बताया।

ये वाल्मीकि बस्ती में संजय सोनकर का घर है। मर्डर का आरोप लगने के बावजूद संजय पर अब तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई है।
ये वाल्मीकि बस्ती में संजय सोनकर का घर है। मर्डर का आरोप लगने के बावजूद संजय पर अब तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई है।

संजीव बताते हैं, ‘हमारा परिवार आजादी के वक्त रानीखेत से हल्द्वानी आया था। तभी से हम मंगल पड़ाव में रह रहे हैं। संजय का बेटा क्रिकेटर है और अंडर-19 टीम में खेल चुका है। वो MA की पढ़ाई कर रहा है और ABVP में नगर मंत्री है। उनकी बेटी B Com की पढ़ाई कर रही है।’

बस्ती के लोग संजय सोनकर को चरस माफिया और हिस्ट्रीशीटर बताते हैं। उसने 8वीं तक पढ़ाई की है। 1999 में बजरंग दल जॉइन किया। 2001 से 2004 तक समाजवादी पार्टी में रहा। 2005 में कांग्रेस जॉइन की। फिलहाल संजय किसी पार्टी में नहीं है।

हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि संजय BJP के कार्यक्रमों में एक्टिव रहता है। संजय पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है। 2003 में उस पर आजादपुर मंडी में व्यापारी अजय कुमार की हत्या करने का आरोप लगा था।

तब पुलिस ने बताया था कि संजय ने अजय को देसी कट्टे से गोली मारी थी। 2017 में उत्तराखंड पुलिस ने रुड़की जेल के डिप्टी जेलर हत्याकांड के आरोपी सहदेव तोमर उर्फ ​​योगेश के साथ संजय सोनकर को गिरफ्तार किया था। दोनों पर हल्द्वानी में रोडवेज स्टैंड पर एक व्यापारी मोहम्मद मेहताब पर फायरिंग करने का आरोप था।

हल्द्वानी हिंसा के दौरान मोहम्मद शाबान की भी मौत हुई है। शाबान के भाई उस्मान संजय सोनकर के बारे में बताते हैं, ‘संजय सोनकर अक्सर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है। 6 महीने पहले उसने कुछ लोगों के साथ गांधीनगर की बिलाली मस्जिद पर पत्थरबाजी की थी। हवाई फायरिंग भी की थी। ये लोग नशे में धार्मिक नारे लगाते हैं। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उसने आजादपुर में मस्जिद के सामने धार्मिक नारे लगाए थे।’

जिस जमीन पर विवाद, उसकी पूरी कहानी
1937 में नजूल की जमीन पर बनी मस्जिद का मालिकाना हक मोहम्मद यासीन को दिया गया था। यासीन ने ये प्लॉट अख्तरी बेगम और नबी रजा खान को बेच दिया था। 1994 में अख्तरी बेगम ने इसे मलिक के पिता अब्दुल हमीद खान को तोहफे में दे दिया।

2006 में अब्दुल हमीद खान ने संपत्ति पर फ्री होल्ड अधिकार देने के लिए नैनीताल प्रशासन से संपर्क किया। 2007 तक उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। 2013 में अब्दुल हमीद खान और 2018 में उनकी पत्नी का निधन हो गया। तभी से सफिया मलिक मस्जिद और मदरसे की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।

सफिया मलिक का दावा है कि दिसंबर, 2020 में हल्द्वानी नगर निगम ने मदरसे का एक हिस्सा तोड़ दिया था। सफिया ने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाकर हल्द्वानी मेयर को लेटर लिखा था।

ये मामला कोर्ट में है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 14 फरवरी की तारीख दी थी। सुनवाई से पहले ही नगर निगम ने मस्जिद तोड़ दी।

अब तक 30 गिरफ्तार, थाने से लूटे 100 कारतूस बरामद
SSP प्रह्लाद सिंह मीना ने रविवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि आज 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक कुल 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से अवैध हथियार मिले हैं। इसमें थाने से लूटे गए 100 कारतूस भी शामिल है। वहीं, एक सब-इंस्पेक्टर की लूटी गई पिस्टल बरामद करने की कोशिश की जा रही है।

Leave a Comment