छठ का आज चौथा और आखिरी दिन है। सुबह से ही घाटों और पानी में व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए खड़ी रहीं। रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और सरगुजा से जो तस्वीरें सामने आईं, देखा जा सकता है कि घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं का जन-सैलाब उमड़ा था। जैसे ही भगवान सूर्य का उदय हुआ, उन्हें अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हुआ।
प्रदेश की खारुन, अरपा नदी, शिवनाथ नदी समेत तालाबों के घाटों पर व्रती महिलाओं ने संतान और परिवार की सुख की कामना के लिए उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। व्रती फल और प्रसाद से भरा दउरा-सूप लेकर भगवान भास्कर की उपासना करती दिखीं।
अर्घ्य देने और पूजा करने के बाद पारण का सिलसिला चल रहा है, यानी अब 36 घंटे का निर्जला व्रत ठेकुआ, फल आदि ग्रहण कर पूरा हो रहा। इसी के साथ महापर्व छठ का समापन हो रहा। भोर से व्रती महिलाएं सूर्य के उगने का इंतजार करती रहीं। उगा हे सूरज देव… जैसे गाने हर ओर गूंजते रहे। आगे छत्तीसगढ़ के शहरों की तस्वीरें दिखाते हैं…