केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बोले हमें छत्तीसगढ़ में तीन दिवाली मनानी है, पहली त्योहार वाली, दूसरी दिवाली 3 दिसंबर को जब सरकार कमल की बनेगी तब और तीसरी दिवाली जब अयोध्या में जनवरी में श्रीराम का मंदिर बनेगा तब प्रभु के ननिहाल में दिवाली मनेगी।
शाह ने कहा भूपेश बघेल यहां आकर झूठ कह कर गए कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण किया जा रह है। मैं आज यहां कह रहा हूं नगरनार स्टील प्लांट का कोई निजीकरण नहीं होना है। इस पर सिर्फ हमारे बस्तर के लोगों का अधिकार है और किसी का अधिकार नहीं है।
अमित शाह के भाषण की प्रमुख बातें
बस्तर को नक्सल समस्या से मुक्त कर देंगे
बस्तर एक जमाने में घनघोर नक्सली क्षेत्र माना जाता था। आज भी कुछ छत्तीसगढ़ में समस्याएं हैं। मैं आपको कहने आया हूं, एक बार फिर कमल फूल की सरकार लगा दो, पूरे छत्तीसगढ़ को नक्सल समस्या से मुक्त कर देंगे। मोदी जी के 9 साल में हिंसक घटनाओें में 52 फीसदी, मौतों में 70, नागरिकों की मृत्यु में 68 और जिले, पुलिस थाने जो प्रभावित थे। उनमें 62 फीसदी की कमी आई।
मैं आज कांग्रेस पार्टी को कहना चाहता हूं कि, अगर बस्तर में नक्सली घटना होती है, तो पुलिस भी मरता है तो आदिवासी मरता है, नक्सली मरता है तो आदिवासी मरता है और नागरिक मरता है, तो आदिवासी मरता है, उनको बचाना चाहिए। मोदी जी ने 9 साल में रोड बनाए, रास्ते बनाए, घर में गैस सिलेंडर दिए, शौचालय बनाए। पांच किलो चावल देने की व्यवस्था की है।
गोबर से 13 सौ करोड़ खाने वाला पहली बार देखा
भूपेश बाबू आपने क्या किया? शराब बेचने की दुकानें खोलीं और 2 हजार करोड़ का घोटाला किया। कोयले के ट्रांसपोर्टेशन में 540 करोड़, गरीबों के अनाज में 5 हजार करोड़, गौठान में 13 सौ करोड़ का घोटाला किया। मैंने बहुत से घोटाले सुने, लेकिन गाय के गोबर में कोई 13 सौ करोड़ खा जाए, ऐसा आदमी नहीं देखा।
2047 तक एक भी सिकलसेल एनीमिया पीडि़त नहीं रहेगा
पहले आदिवासियों के लिए 29 हजार करोड़ होता था। मोदी सरकार में 1 लाख 25 हजार करोड़ आदिवासियों के लिए बजट रखा। कांग्रेस के जमाने में सिर्फ 90 स्कूल थे। मोदी सरकार में 90 से बढ़कर 740 किया गया। 40 हजार शिक्षकों की भर्ती भी मोदी सरकार में की जा रही है।
बस्तर के खनिज का पैसा यहां के विकास कार्यों में खर्च किया जा रहा है। पीने का पानी, शिक्षा, गौशाला का विकास, हर घर बिजली पहुंचाई जा रही है। ये सब केंद्र की योजनाओं के तहत किया जा रहा। 2047 तक भारत में एक भी आदिवासी भाई-बहन सिकलसेल एनीमिया से पीडि़त न हो इसके लिए विदेशी डॉक्टर्स के साथ मिलकर मिशन तैयार किया जा रहा है।
अमित शाह के बस्तर दौरे को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एयरपोर्ट से लेकर सभा स्थल तक करीब 25 सौ जवान तैनात हैं। साथ ही BDS (बम निरोधक दस्ता) की करीब 10 से ज्यादा टीमें भी हैं। कार्यक्रम स्थल से लेकर एयरपोर्ट तक पहुंचने वाले मार्ग पर लगातार सर्चिंग अभियान चलाया गया।
सत्ता की चाबी बस्तर के पास
कहा जाता है कि, अगर किसी भी पार्टी को राज्य में अपनी सरकार बनानी हो तो सत्ता की चाबी बस्तर के पास होती है। यहां की सभी 12 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाने किसी भी पार्टी के लिए राज्य में सरकार बनाना आसान हो जाता है। फिलहाल इन सभी 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इन 12 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए बीजेपी को काफी माथापच्ची करनी पड़ी।
जिसके बाद 12 में से 8 पर नए चेहरे उतारे गए हैं, जबकि 4 सीटों पर हारे हुए प्रत्याशियों को दोबारा मौका दिया गया है। इनमें 4 पूर्व मंत्री केदार कश्यप, लता उसेंडी और महेश गागड़ा और विक्रम उसेंडी पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। जबकि केशकाल विधानसभा से पूर्व IAS नीलकंठ टेकाम को BJP ने अपना प्रत्याशी बनाया है।